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Showing posts from 2016

गाय, गंगा और मेरा गांव

मोदी जी ने जब गौ रक्षकों के भेष में छिपे लोगों को नंगा किया तो बहुतों को मिर्ची लगी। इस मिर्ची की जलन अभी कई महीनों तक महसूस होगी। थोड़ी सी मिर्ची मुझे भी लगी। मोदी जी ने ये क्‍या कह दिया। गौ वंशो को कटने से बचाने के लिए हमारे गौ रक्ष्‍ाकों की नीयत पर ही उंगली उठा दी। मन में उथल पुथल होने लगी। गांव के वो पुराने दिन याद आने लगे जब हमारी माता जी पहली रोटी गउ माता को डालने के लिए हमें भेज देती थीं। ज्‍यादा नहीं 30 साल पहले की बात है। उस समय हमारे गांव की आबादी 5 हजार रही होगी। शनिवार को श्रीराम बाजार की रौनक गाय, बैल और बछड़ों से होती थी। दूर दूर से लोग अच्‍छी किस्‍म के गायों और बैलों को खरीदने आते थे। हो सकता हो इनमें से कुछ स्‍लाटर हाउस में भी जाते हों पर अधिकतर बैलों की खरीद बैलगाडी और खेत में जुताई के लिए की जाती थी। गायों की कीमत उनके दूध देने की क्षमता पर तय होती थी। बनियों का हमार मोहल्‍ला। सबका अपना अपना व्‍यवसाय पर सभी गौ सेवक। उस समय दो तीन घरों को छोड़ सभी के दरवाजों पर गाय बंधी होती थी। शंकर चाचा की मरखइया गाय पूरे मोहल्‍ले में बदनाम थी। क्‍या मजाल कि कोई उसके पास स

बिकाऊ मीडिया

बिकाऊ मीडिया। आजकल यह जुमला हर सोशल साइटों पर देखने व पढ़ने को मिल जा रहा है। एक पत्रकार होने के नाते यह जुमला मुझे बहुत चुभता है। मीडिया को बिकाऊ कहने वाले दो तरह के लोग हैं। एक भक्‍तासुर स्‍वयं भू देशभक्‍त तो दूसरे केजरी वायरस से पीढि़त क्रांतिकारी। एक की अच्‍छी खबर छपती है तो दूसरा मीडिया पर उंगली उठाने लगता है। इनमें ऐसे लोग भी हैं जो सार्वजनिक शौचालय का भी इस्‍तेमाल करते हैं तो उसका बिल कंपनी को देते हैं। मीडिया को बिकाऊ वो भी कह रहे हैं जो तीन रुपये का अखबार भी नहीं खरीदते और न्‍यूज देखने के लिए पड़ोसी के घर जाते हैं। अन्‍ना आंदोलन से पैदा हुए केजरिवाल ने उस दौरान कभी मीडिया को बिकाऊ नहीं कहा जब बिना ब्रेक की खबरें सभी चैनलों ने दिखाया। हां इस दौरान मीडिया को कांग्रेसी बिकाऊ बता रहे थे। यही हाल लोक सभा चुनावों के दौरान भी रहा जब मोदी को सबसे ज्‍यादा कवरेज मिल रही थी। अपनी पसंद की पार्टी या समुदाय के एंटी खबर चली नहीं कि हो गई मीडिया बिकाऊ। फेसबुक पर मेरे कई मित्र हैं। कुछ को मैं वर्षों से जानता हूं तो कुछ से कभी मिला नहीं। इन्‍हीं में से एक हैं डाक्‍टर साहब। मोदी मेनिया ने उ

लखनऊ मेट्रो में जॉब चाहते हैं तो......

लखनऊ मेट्रो में सैकड़ों रिक्तियां। आपको मिल सकता है मौका। ये अवसर हाथ से न जाने दें। लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (LUCKNOW METRO RAIL CORPORATION - LMRC) ने स्टेशन कंट्रोलर/ ट्रेन ऑपरेटर, कस्टमर रिलेशन, असिस्टेँट, जूनियर इंजीनियर, ऑफिस असिस्टेँट, अकाउंट असिस्टेँट, मैँटेनर, असिस्टेँट मैनेजर फाइनेँस की भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। आवेदन की LAST Date - एक  फरवरी 2016 1. स्टेशन कंट्रोलर/ ट्रेन ऑपरेटर पद :  97 वेतनमान :  13500- 25520 रुपए शैक्षिक योग्यता :  इलेक्ट्रॉनिक्स/ इलेक्ट्रिकल में तीन साल का इंजीनियरिंग डिप्लोमा या फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के साथ बीएससी 2. कस्टमर रिलेशन असिस्टेंट (CRA) पद  :  26 वेतनमान :  10170- 18500 रुपए शैक्षिक योग्यता :  किसी भी संकाय से ग्रैजुएट और कम्प्यूटर में सर्टिफिकेट 3. जूनियर इंजीनियर पद  :  70 वेतनमान :  13500-25520 रुपए शैक्षिक योग्यता :  इलेक्ट्रिकल/ इलेक्ट्रॉनिक्स/ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन/ मेकैनिकल/ सिविल ब्रांच या इसके समकक्ष तीन साल का इंजीनियरिंग में डिप्लोमा। 4. ऑफिस असिस्टेन्ट (HR) पद  :  02 वेतनमान :  10170