नज़र न केकरो लग जाई ...
एगो नेबुआ दू चार गो मिरचा लटका ल चोटी में
कहाँ बानी ये रवि किशन बाबा । कई साल पहले उदित नारायण आपके लिए ई गाना गाकर जता दिए थे कि सुंदर और लंबी चोटी वाली महिलायें बच कर रहें। वहीँ मनोज तिवारी बाबा ने जैसे ही गाना बजाना छोड़कर दिल्ली भाजपा की कमान संभाली पूरे देश में चोटी कटवों को छोड़ दिया। चोटी कटने या कटवाने के पीछे मुझे लगता है इ भोजपुरी के दोनों बाबाओं का हाथ है। अरे केजरी सर जी, बोलती बंद टॉनिक पीकर चुप हैं तो क्या हुआ, मैं तो बोलूँगा। आप लोग अपने पुराने गाने को हिट कराने के लिए मोदी जी के साथ मिलकर चोटी काटो गैंग उतार दिया है। अब देखिए न रामकलिया भौजी ब्यॉय कट बाल के सपना लिहले डोली से उतरल और अब जब घर में नतिन पतोहू आवे वाली बा त ओकर सपना पूरा हो गइल। लोग भले ही चोटी कटवा से डेरा ता लेकिन भौजी त मारे ख़ुशी के बुक्का फाड़ के रोवत बाटी।
एगो नेबुआ दू चार गो मिरचा लटका ल चोटी में
कहाँ बानी ये रवि किशन बाबा । कई साल पहले उदित नारायण आपके लिए ई गाना गाकर जता दिए थे कि सुंदर और लंबी चोटी वाली महिलायें बच कर रहें। वहीँ मनोज तिवारी बाबा ने जैसे ही गाना बजाना छोड़कर दिल्ली भाजपा की कमान संभाली पूरे देश में चोटी कटवों को छोड़ दिया। चोटी कटने या कटवाने के पीछे मुझे लगता है इ भोजपुरी के दोनों बाबाओं का हाथ है। अरे केजरी सर जी, बोलती बंद टॉनिक पीकर चुप हैं तो क्या हुआ, मैं तो बोलूँगा। आप लोग अपने पुराने गाने को हिट कराने के लिए मोदी जी के साथ मिलकर चोटी काटो गैंग उतार दिया है। अब देखिए न रामकलिया भौजी ब्यॉय कट बाल के सपना लिहले डोली से उतरल और अब जब घर में नतिन पतोहू आवे वाली बा त ओकर सपना पूरा हो गइल। लोग भले ही चोटी कटवा से डेरा ता लेकिन भौजी त मारे ख़ुशी के बुक्का फाड़ के रोवत बाटी।
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दरअसल रामकली की चोटी किसी ने सोते समय काट दी . बचपन में लड़कों की तरह बाल रखने का शौक अब जाकर पूरा हुआ, टीवी पर आने से और स्टार बन गई . एक साथ इतने सारे माइक और कैमरे देख वो हक्का बक्का है. उधर टीवी पर एंकर चीख चीख कर कह रही है, गांव-गांव शहर-शहर, चोटी का कहर. दूसरा चैनल भी पीछे क्यों रहे, ब्रेकिंग न्यूज़ की पट्टी फ़्लैश करने लगा. राजस्थान से बिहार तक चोटीकटवा का कहर. गांव-गांव चैनलों के स्ट्रिंगर फफिहरा बनकर बाइक दौड़ा रहे हैं. उधर, पाकिस्तान में बैठा दाऊद परेशान है, चोटी कटवा के आगे कोई उसे भाव भी नहीं दे रहा. लालू-नीतीश भी स्क्रीन से गायब हो गए.
टमाटर की लालिमा गायब होने लगी है. नींबू पहले से और खट्टी हो गया है. मिर्ची का तीखापन बढ़ गया है. बाज़ार में अचानक नींबू-मिर्च के दाम बढ़ने की खबर आने लगी है . जिनको अपनी चोटी से बहुत ज्यादा प्यार है, वो चोटी में नींबू-मिर्च की लड़ी लटकाने लगीं है , ताकि उनकी चोटी सलामत रहे. ताबीज़ बेचने वालों का धंधा भी चल निकला. इधर तेल और शैम्पू बेचने वाले भी खुश हैं. जिनकी चोटी कटी है वो इसे जल्दी बढ़ाने के लिए इनके उत्पाद को जरूर खरीदेंगे . लेकिन मुझे तो रवि किशन जी की सलाह सबसे सस्ती और अच्छी लगी.
एगो नेबुआ दू चार गों मिरचा लटका ल चोटी में
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